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<poem>
वह उठा है भीतर की हुंकार से-
जहाँ जाता है मन
चल देगा उसी ओर

समय की लकीर पर
जो पहिया दौड़ता है
घोड़ा चुनेगा पथ वही
सृजन का संकेत समझ...

</poem>
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