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जाउ-जाउ भैया रे बटोही हिंद देखि आउ
जहां सुख झूले धान खेत रे बटोहिया
बुद्धदेव पॄथु बिक्रमा्रजुन बिक्रमार्जुन सिवाजी के
फिरि-फिरि हिय सुध आवे रे बटोहिया