भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
/* कुछ प्रतिनिधि ग़ज़लें */
* [[आलमे-नासूत की आधी हक़ीक़त जान कर / रवि सिन्हा]]
* [[थोड़ी वज़ाहतें भी तो हस्ती में डाल दूँ / रवि सिन्हा]]
* [[ख़िरद को ख़्वाब दिखाओ के कायनात चले / रवि सिन्हा]]