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|नाम=दीनदयाल गिरि
|उपनाम=
|जन्म=मार्च,1790(वसन्तपंचमी संवत 1847)|जन्मस्थान=1865वाराणसी के पास किसी गाँव में|मृत्यु=1865 (संवत1922)|कृतियाँ=अनुराग बाग, दृष्टान्त्तरंगिनीदृष्टान्त्त तरंगिनी, अन्योक्तिमालाअन्योक्ति माला, वैराग्यदिनेशवैराग्य दिनेश, अन्योक्ति कल्पद्रुम |विविध=कवि दीनदयाल गिरी की पाँचों किताबें बाबू श्याम सुन्दर दास द्वारा सम्पादित रचनावली में 2019 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा से प्रकाशित हुई थीं।ये दसनामी संन्यासियों में से एक थे। इनके गुरु का नाम कुशगिरी था।
|जीवनी=[[दीनदयाल गिरि / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Deendayaal Giri
|shorturl=
|gadyakosh=
|copyright=
}}
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[दम्भ / दीनदयाल गिरि]]
* [[अभिमान / दीनदयाल गिरि]]
* [[विराग / दीनदयाल गिरि]]
* [[सन्तोष / दीनदयाल गिरि]]
* [[क्षमा / दीनदयाल गिरि]]