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Kavita Kosh से
:पा गया तुममें सहारा<br>
:कामिनी ! युग-युग भटकता प्यार रे !<br>
:रे सलोने मेघ सावन के<br>
:क्यों तड़प नीलांजने !<br>
:निज बाहुओं में नेह से भर-भर लिया ? <BR>