भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
|संग्रह=जूझते हुए / महेन्द्र भटनागर
}}::घने कुहरे ने<br>
::ढक लिया आकाश,<br>
::घने कुहरे ने<br>