भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKCatKavita}}
<poem>
ज़मीन जहां जहाँ ख़तम होती है आकाश शुरू होता है वहां वहाँ —
उसने कहा
— और जहां जहाँ आकाश शुरू होता है दुःख ख़तम हो जाता है वहांवहाँ
वह अकेला था
बाद में,
रात की उंगलियों उँगलियों के बीच से,एक सितारे ने उसकी आंखों आँखों में झांका। झाँका ।
पर उसे इस बात पर
विश्वास नहीं हुआ।हुआ ।
'''अंग्रेज़ी अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>