भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नाचौँला मिलेर दामली सैनी
तीजको रहर आयो बरी लै
तीजको रहर आयो बरी लै'
नौ डाँडा काटेर गएका चेली
भाग्यले भेट्न पाएछौँ फेरी