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एक स्वाद है त्रिदिव लोक में, एक स्वाद वसुधा पर,
कौन श्रेश्ठ श्रेष्ठ है, कौन हीन, यह कहना बडा कठिन है,
जो कामना खींच कर नर को सुरपुर ले जाती है,
वही खींच लाती है मिट्टी पर अम्बर वालों को।
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