भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
प्यार जिंदा है, खरा है अब तक,
टुकड़ा टुकड़ा सहेजा है जिसे बरसों,
जवाब ख्वाब आँखों में भरा है अब तक।
आपको और आज़माना क्या,