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ख़ुदनुमा <ref>आत्मप्रदर्शी</ref> होके निहाँ <ref>छुपा हुआ</ref> छुप के नुमायाँ <ref>व्यक्त,ज़ाहिर</ref> होना अलग़रज़ हुस्न को रूसवा रुसवा<ref>बदनाम</ref> किसी उनवाँ <ref>प्रकार</ref>होना
यूँ तो अकसीर <ref> रसायन, कीमिया</ref> है ख़ाके-दरे-जानाँ <ref>प्रेमिका के दर की मिटटी</ref>लेकिन काविशे-ग़म <ref>ग़म की तलाश, ग़म की खोज</ref> से उसे गर्दिशे-दौराँ <ref>काल-चक्र,समय का उलट-फेर</ref> होना
हद्दे-तमकीं <ref>सम्मान की हद, गंभीरता की हद</ref> से न बाहर हुई खु़द्दार निगाहआज तक आ न सका हुस्ने हुस्न को हैराँ होना
चारागर <ref>चिकित्सक</ref> दर्द सरापा <ref>सिर से पांव तक</ref> हूँ मेरे दर्द नहींबावर <ref>विश्वास, एतिबार, आस्था</ref> आया तुझे नश्तर <ref>कांटा</ref> का रगे-जाँ होना
दफ़्तरे-राज़े-महब्बहत महब्बत<ref>महब्बत के राज़ का भाग</ref> था मलाले-दिल पर वो सुकूते -निगहे-नाज़ <ref> अभिमानी आँखों की ख़ामोशी</ref> का पुरसाँ <ref>पूछनेवाला, पृच्छक, जिज्ञासु</ref> होना सर-बसर बर्के़-फ़ना इश्क़ के जलवे हैं 'फ़िराक'खा़नए-दिल को न आबाद न वीराँ होना।
सर-बसर बर्के़-फ़ना<ref>मौत की बिजली</ref> इश्क़ के जलवे हैं 'फ़िराक़'
ख़ानाए-दिल<ref>दिल के घर, दिल के भाग</ref> को न आबाद न वीराँ होना।
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