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'''मेरी गुड़ियापरियों की रानी'''
मेरी भोली गुड़िया रानीआसमान से धीरे-धीरे-धीरेसुनती मुझसे रोज़ कहानी।उतरी थी परियों की रानी।
आँखें नीली सुन्दर बालपरियों मुझे जगाकर चुपके-जैसी इसकी चालचुपकेलगी सुनाने एक कहानीबढ़िया जूतेउसने कहा-कपड़े पहनेप्रेम स रहनामेरी गुड़िया के क्या कहने मैंने उसकी बातें मानी!