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{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
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वे कहते हैं<br />
वसंत रुक क्यों नहीं जाता<br />
ठहर क्यों नहीं जाता<br />
हमेशा के लिए पानी<br />
धरती पर गिर कर<br />
क्यों खाद में तब्दील हो जाते हैं<br />