भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> साल ह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
साल हर साल बदलता रहता है
बदलते हैं रिश्ते
हलात और परिवेश
बदलते हैं सपने
और उनको पाने के तरीके
बदलती है समझदारी और समझ
साथ में बदलता है अनुभव,
एहसास और विश्वास
पर बदलने की इस प्रक्रिया में
नहीं बदलता माँ का प्यार
पिता की जिम्मेदारी युक्त बोझ ढोते कंधे
पत्नी की पति के लिए चिंता
मध्यमवर्गीय घर के बड़े बेटे होने का मतलब
सुबह आने वाले अखबारों में
छपने वाली खबरों के शीर्षक
और तब भी नहीं बदलते
कुछ लोग भी।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
साल हर साल बदलता रहता है
बदलते हैं रिश्ते
हलात और परिवेश
बदलते हैं सपने
और उनको पाने के तरीके
बदलती है समझदारी और समझ
साथ में बदलता है अनुभव,
एहसास और विश्वास
पर बदलने की इस प्रक्रिया में
नहीं बदलता माँ का प्यार
पिता की जिम्मेदारी युक्त बोझ ढोते कंधे
पत्नी की पति के लिए चिंता
मध्यमवर्गीय घर के बड़े बेटे होने का मतलब
सुबह आने वाले अखबारों में
छपने वाली खबरों के शीर्षक
और तब भी नहीं बदलते
कुछ लोग भी।
</poem>