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15:04, 23 सितम्बर 2020
<poem>
तुम्हारे नाम की हो रही है लूट
::हे राम !
तुम्हारे नाम को जप रहा है झूठ
::हे राम !तुम्हारे नाम से भर रहे हैं कुछ पेट ::हे राम !
तुम्हारे नाम पर ठग रहे हैं सेठ
::हे राम !तुम्हारे नाम पर सजे हुए हैं बाज़ार ::हे राम ! तुम्हारे नाम पर जम गया है ब्योपार हे राम !तुम्हारे नाम पर डाकू भी संत हुए सन्त ::हे राम !तुम्हारे नाम की महिमा अनंत है अनन्त ::हे राम !
</poem>
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