भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं ख़ुदा बनके / निदा फ़ाज़ली

2 bytes removed, 13:22, 11 अक्टूबर 2020
|संग्रह=खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
}}
[[Category:गज़ल]]{{KKCatGhazal}}<poeMpoem>
मन्दिरों-मस्ज़िदों की दुनिया में
मुझको पहचानते कहाँ हैं लोग.
१. बिना रौशनी
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits