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[[Category:कविता]]
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ये शाम इक आईना-ए-नीलगूं,ये नम,ये महक
धुआँ-धुआँ सी ज़मीं है घुला-घुला सा फ़लक
ये चाँदनी,ये हवाएँ,ये शाखे-गुल की लचक
तेरे ख्याल की पड़ती हुई किरन की खनक
ये रात!छनती हवाओं की सोंधी-सोंधी महक
दिलों में आईना-दर-आईना सुहानी झलक
ये छब,ये रूप,ये जीवन,ये सज,ये धज,ये लहक
ये मस्तियाँ कि मए-साफ़-ओ-दुर्द सब बेबूद
खिजल हो ला'ले-यमन उज़्व-उज़्व की वो डलक
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