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डाली लगावा / नीता कुकरेती

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जिन्दगी का गाँठा अळझ्याँ ही रै गिनी गौं - गौं मा धै लगावा गौं - गौं मा धै लगावा चू चैं तौं तैं सुळझावा , चू चैं तौं तैं सुळझावाआवा चला आवा डाली लगावाकाकी बोडी दादी खरड़ी हवेन डँाडीं व काँठी रिती ह्वेन फूलू की कथा हरचनी चू चैं तौं तैं खुज्यावा , चू चैं तौं तैं खुज्यावाघाटी जणदों छौं मी आज , बदली गै समाजआवा सभी अगनै आवा फल फूलू की डाली लगावा मशीन की तरौं ह्वेगी मनख्यूँ कू काजकँठयू तैं हंसावा ... डाली लगावा......गौं - गौं मा धै लगावा गौं - गौं मा धै लगावा पैसियूँ नी सुणंदं चखुलू का पिछनै नाता रिश्ता ह्वेनी खतमबोल नी दिखेंन्द घुघतौं का घेाल चू चैं तौं तैं बचावा आवा सभी अगनै आवा, चू चैं तौं यूं जगंलू तैं बचावा आखर त पढयां छन गुण्याँ कतै नी छनब्वे बुबों चखुलौं तैं छोडी़ झणि कख अटगणा छनजनी बुतल्या बीज , तनी फसल पैजदिन चू चैं तौं तैं बिंगावा , चू चैं तौं तै बिंगावा  माटा गारा ढूँगों न कूड़ू ही चिणेंदबुलावा .....डाली लगावा...... कूड़ू घौर गौं - घौर लगु माया तख चयैंदंगौं मा धै लगावा गौं - गौं मा धै लगावा माया का मायादार कै मुल्क चली गैनिसुखी गैन गाड गदेरा हरची गैन धारा पंदेरा चू चैं तौं तैं बौड़ावा चू चैं तौं तैं बुलावाकनमा उमा पाणी आलू ,पाणी कनकै छलछळाळू आज सोच ल्यावा ....डाली लगावा...... गाड गदिनीयूँ को पाणी गौं - गौं मा धै लगै कि बोगणू चलगावा गौं - गौं मा धै लगावाअपड़ा दगड़ी कटेणू च दिन दिन माटू गारा ढूंगा भी लिजाणू , होणू दिन दिन घाटूथामी ल्यावा मीतैं निथर बौगी मी गयँूचू चैं घाटू कनकै पुरोला , माटू बचावा चू चैं पाड़ बचावा कनकै ऽ बचैलाआज सोच ल्यावा .....डाली लगावागौं - गौं मा धै लगावा गौं - गौं मा धै लगावा
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