भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता भट्ट |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कविता भट्ट
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
जीवन की आशाएँ सर्वदा
अभिसिंचित करता पानी।
तृप्त-मन अभिलाषाएँ सदा
यों परिपूरित करता पानी।
न बहाओ मुझे तुम पानी सा,
यह अनुसूचित करता पानी।
मोल समझ तब ही है आता
जब आशा पर फिरता पानी।
'''( विश्व जल दिवस ,22 मार्च, 201)'''
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=कविता भट्ट
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
जीवन की आशाएँ सर्वदा
अभिसिंचित करता पानी।
तृप्त-मन अभिलाषाएँ सदा
यों परिपूरित करता पानी।
न बहाओ मुझे तुम पानी सा,
यह अनुसूचित करता पानी।
मोल समझ तब ही है आता
जब आशा पर फिरता पानी।
'''( विश्व जल दिवस ,22 मार्च, 201)'''
</poem>