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Kavita Kosh से
हमारे नंगे हाथों से
चट्टानों पर बहेगा बहता है खून
हम कोयले में साँस लेते भरते हैंऔर सारी उम्मीद छोड़ देते छोड़ते हैंबाहर हर साँस के साथ
'''अँग्रेजी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''