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<poem>
पहेली :
नारी देखी एक अनोखी ।
बन्द न होती चलती चोखी ।
मरना जीना तुरन्त बतलाती ।
कभी नहीं कुछ खाना खाती ।
सदा हाथ में मेरे रहै, बासू केर खगनियाँ कहै ।
उत्तर : नाड़ी
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पहेली :
नारी देखी एक अनोखी ।
बन्द न होती चलती चोखी ।
मरना जीना तुरन्त बतलाती ।
कभी नहीं कुछ खाना खाती ।
सदा हाथ में मेरे रहै, बासू केर खगनियाँ कहै ।
उत्तर : नाड़ी
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