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आओ नई सहर का नया शम्स रोक लें / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ'
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*[[कहाँ जी पाते हैं ख़ुद से मसाफ़त जिनके मन में है / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
*[[जगमगाते जुगनुओं के काफिले हैं / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
*[[अज़्म से अपने कभी जब मैं बड़ा हो जाऊँगा / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
द्विजेन्द्र द्विज
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