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जो न उगता है और न अस्त होता है,
संयोग से शायद मैं कभी याद आ जाऊँ तुम्हें,
संयोग से संयोगवश ही तुम मुझे भूल जाना।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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