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|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
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<Poem>
लेकिन पार्टी कौन है ?
क्या वह एक घर में बैठा है टेलिफ़ोन के साथ ?
क्या उसके विचार गुप्त हैं, उसके फ़ैसलों का पता नहीं ?
कौन है वह ?

वह हम हैं.
तुम और मैं और तुम सभी — हम सभी.
तुम्हारी पोशाक में वह छिपी है, साथी, और तुम्हारे दिमाग से वह सोचती है.
जहाँ मैं रहता हूँ, वह उसका घर है, और जहाँ तुम पर हमला होता है, वह लड़ती है.

वह रास्ता हमें दिखाओ, जिस पर हमें चलना है, और
हम चलेंगे तुम्हारी ही तरह, लेकिन
हमारे बिना मत चलो सही रास्ते पर
हमारे बिना वह
बिल्कुल ग़लत रास्ता होगा.
हमसे अपने को अलग मत करो !
हो सकता है हम ग़लत हों, तुम्हारी बात सही हो, चुनांँचे
हमसे अपने को अलग मत करो !

छोटा रास्ता लम्बे रास्ते से बेहतर है, इससे कोई इनकार नहीं करता
लेकिन अगर किसी को उसका पता हो
और वह हमें दिखाना न चाहता हो, फिर उसके ज्ञान से हमें क्या फ़ायदा ?
हमारे लिए ज्ञानी बनो !
हमसे अपने को अलग मत करो !

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
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