भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=अमर नद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़
|अनुवादक=अमर नदीम
|संग्रह=स्थगित स्वप्न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:अंग्रेज़ी भाषा]]
<Poem>
कितना
उबाऊ है
हमेशा ही
रहना
ग़रीब !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
—
'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Langston Hughes
Ennui
It's such a
Bore
Being always
Poor.
</Poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़
|अनुवादक=अमर नदीम
|संग्रह=स्थगित स्वप्न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:अंग्रेज़ी भाषा]]
<Poem>
कितना
उबाऊ है
हमेशा ही
रहना
ग़रीब !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
—
'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Langston Hughes
Ennui
It's such a
Bore
Being always
Poor.
</Poem>