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<poem>
सृष्टि की माँ मूल शक्ति, आदि शक्ति स्तोत्र हो
जगत क्या ब्रह्माण्ड आलोकित करे वह ज्योत हो
शक्ति आद्या मातृ शक्ति, शक्ति रूपा पावनी
वर्ष नव आनंद भव, कल्याण भव वर दायिनी
स्तोत्र हो आनंद की, कल्याण माँ अद्भुत करे
शांति शुभ श्री दायिनी मातु जग वंदन करे।
</poem>