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जिजीविषा हो तुमतुम्हारा होनाजीवन का व्याजतुम न होतेतो खोजते कहाँअपनापन किस द्वार जाते?कहाँ से पाते ऊर्जाकहाँ से नेह पातेजीवन की जोतकैसे जगातेतुम बने रहनाआरती के समयतुम कण्ठ मिलानाभोर की सन्ध्या में।चुपचाप चले आनासौभाग्य की तरह;क्योंकि तुम्हीं हो कारणतुम्हीं हो व्याजमेरे लघुजीवन का।
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