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मैं अकेला औ’ यहाँ ढोंग में है सब डूबा
रंगभूमि नहीं है ये ज़िन्दगी है अजूबा
 1946
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
Я один, все тонет в фарисействе.
Жизнь прожить — не поле перейти.
 
1946
</poem>
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