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|रचनाकार=प्रदीप त्रिपाठी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
मुझे चाहिए
नदी भर नींद
पहाड़ भर स्वप्न
और
रोटी पर भूख
तुम्हारी याद में
उम्र भर उम्मीद बुनता हूँ।
</poem>
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नदी भर नींद
पहाड़ भर स्वप्न
और
रोटी पर भूख
तुम्हारी याद में
उम्र भर उम्मीद बुनता हूँ।
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