गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जीवन / अन्द्रेय वज़निसेंस्की / अनिल जनविजय
No change in size
,
20:33, 28 अगस्त 2022
{{KKCatKavita}}
<poem>
ऐसा करो कि लोग तुमसे
अक्सर
अक़सर
नफ़रत करें,
और किसी नाज़ुक आदमी को इससे सुख मिले ।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,865
edits