भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मानव / भगवतीचरण वर्मा

No change in size, 05:43, 30 अगस्त 2022
जब भूले से भरमाए से
भर्मरों भ्रमरों को रस का पान मिला
तब हम मस्तों को हृदय मिला
मर मिटने का अरमान मिला।
350
edits