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Kavita Kosh से
आज सुबह राई की एक खतिया में,
चमक रहे थे जहाँ राई के सुनहरे किल्ले
सात पिल्लों को जन्म दिय एक दिया एक कुतिया ने
गेरुआ-लौह रंग के थे वे सात पिल्ले।
जुबान से अपनी उन्हें चाटती रही,
बर्फ गिर रही थी, ठण्ड थी बहुत
अपने गरम पेट के नीचे से उन्हें साटती रही।
और शाम के समय जब मुर्गियाँ सारी