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Kavita Kosh से
जिनके नाखून भेड़ियों से भी हैं तेज,
आए लोगों कों गिरफ्तार करनेवाले दल
गर्व से जो हैं अंन्धे अन्धे तुम्हारी बिना सूर्य की रौशनी वाले अरण्य से अधिक।
सभ्यों के बर्बर लोभ ने