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{{KKRachna
|रचनाकार=निकोलस गियेन
|अनुवादक=सुरेश सलिल
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अंकित हैं वे मेरे बचपन की स्मृति में
भद्दे-बेडौल हंसुओं की परछाइयाँ
धूप और हवा से पथराई चमड़ी
प्रतिशोधी-उदासीन दृष्टि
वे थे गन्ना काटनेवाले !
खातिमोनिको, खारोनू, स्टिवर्ट, वर्तिएन्तेस,
लुगारेओं या चपर्रा आदि चीनी मिलें
मेनोकल के साथ सीटियाँ बजातीं
चाबुक सटकारतीं ।
अंकित हैं मेरी बालस्मृति में
गन्ना काटनेवाले ।
१९८२
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल'''
—
मारियो गार्सिया मेनिकल (१८६६-१९४१) : क्यूबा के सर्वहारा वर्ग के उत्पीड़न एव> शोषण का प्रतीक । चुनाव हारने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विलसन के समर्थन से १९१३ से १९२१ तक आठ साल क्यूबा का राष्ट्रपति बना रहा। इस आदमी की छवि अमेरिका के कठपुतली तानाशाह की थी।
</poem>
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|अनुवादक=सुरेश सलिल
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अंकित हैं वे मेरे बचपन की स्मृति में
भद्दे-बेडौल हंसुओं की परछाइयाँ
धूप और हवा से पथराई चमड़ी
प्रतिशोधी-उदासीन दृष्टि
वे थे गन्ना काटनेवाले !
खातिमोनिको, खारोनू, स्टिवर्ट, वर्तिएन्तेस,
लुगारेओं या चपर्रा आदि चीनी मिलें
मेनोकल के साथ सीटियाँ बजातीं
चाबुक सटकारतीं ।
अंकित हैं मेरी बालस्मृति में
गन्ना काटनेवाले ।
१९८२
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल'''
—
मारियो गार्सिया मेनिकल (१८६६-१९४१) : क्यूबा के सर्वहारा वर्ग के उत्पीड़न एव> शोषण का प्रतीक । चुनाव हारने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विलसन के समर्थन से १९१३ से १९२१ तक आठ साल क्यूबा का राष्ट्रपति बना रहा। इस आदमी की छवि अमेरिका के कठपुतली तानाशाह की थी।
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