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|रचनाकार= चार्ल्स मैके
|अनुवादक=प्रिय दर्शन
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<poem>
तुम अजातशत्रु हो, कहते हो तुम?
ओह मित्र, मिथ्या गर्व में रहते हो तुम

कर्तव्य के युद्ध में कूदते हैं जो वीर
उनके होते ही हैं कई शत्रु अधीर

अगर तुम्हारी किसी से शत्रुता नहीं है
तो तुम्हारे काम में कोई भारी कमी है

किसी गद्दार के नितम्ब पर तुमने नहीं मारी लात
किसी झूठे होंठों के प्याले पर नहीं किया आघात

तुमने कभी किसी ग़लत को नहीं किया सही
इस युद्ध में तुम्हारे हिस्से, बस, कायरता ही रही ।

'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रिय दर्शन'''

'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Charles Mackay

“You have no enemies, you say?
Alas, my friend, the boast is poor;

He who has mingled in the fray
Of duty, that the brave endure,

Must have made foes! If you have none,
Small is the work that you have done.

You’ve hit no traitor on the hip,
You’ve dashed no cup from perjured lip,

You’ve never turned the wrong to right,
You’ve been a coward in the fight.”
</poem>
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