|जन्मस्थान=जमशेदपुर, झारखंड
|मृत्यु=
|कृतियाँ=पत्थर समय की सीढ़ियाँ (1922)|विविध=कई महत्त्वपूर्ण विदेशी और भारतीय कवियों के अनुवाद। आकाशवाणी, पुणे से सम्बद्ध। वाणिज्य तथा शास्त्रीय संगीत में शिक्षा। कवि अरुण कमल का कहना है -- रंजना मिश्र ने शहरों को लेकर कुछ नयी तरह की कविताएँ लिखीं हैं, मुम्बई, इंदौर, पन्हाला की एक शाम, एक शहर कलकत्ता जैसी कविताएँ जो शहर और समूह का काव्य-अध्ययन हैं। हिन्दी में ऐसी कविताएँ अधिक नहीं हैं। इन्हीं के साथ यदि हम ‘नींद और रात’ तथा ‘बुधवार की रात, को भी ले लें तब लगता है कि रंजना जी ने अभी के समय को कितने कोणों और स्तरों से देखने की कोशिश की है। और ऐसा करते हुए भाषा को भिन्न तरीके से बरतने की कोशिश भी की है- दरार भरे पैर, समय से होड़ लेते बच्चे, आवाज़्ा की झुर्रियाँ अद्भुत प्रयोग हैं।
|जीवनी=[[रंजना मिश्र / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Ranjana Mishra