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पीके फूटे आज प्यार के, पानी बरसा री|हरियाली छा गयीगई, हमारे सावन सरसा री| बादल आये आए आसमान मे,धरती फूली री,अरी सुहागिन, भरी मांग में भूली -भूली री,
बिजली चमकी भाग सखी री, दादुर बोले री,
अंध प्राण सी बहे, उड़े पंछी अनमोले री,
छन-छन उडी उड़ी हिलोर, मगन मन पागल दरसा री |पीके फूटे आज प्यार के, पानी बरसा री |
फिसली-सी पगडण्डी,खिसली आँख लजीली री,
इन्द्र-धनुष रंग रंगी, आज मै सहज रंगीली री,
रुनझुन बिछिया आज, हिला-डुल मेरी बेनी री,
ऊँचे-ऊँचे पेंग, हिंडोला हिण्डोला सरग -नसेनी री,और सखी सुन मोर! बिजन वन दीखे घर-सा री|पीके फूटे आज प्यार के, पानी बरसा री| फुर-फुर उड़ी फुहार अलक दल मोती छाये छाए री,खड़ी खेत के बीच किसानिन कजरी गाये गाए री,झर-झर झरना झरे ,आज मन प्राण सिहाये सिहाए री,कौन जन्म के पुण्य कि ऐसे शुभ दिन आये आई री,रात सुहागिन गात मुदित मन साजन परसा री|रीए ।पीके फूटे आज प्यार के, पानी बरसा री|
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