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{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=पाछो कुण आसी / नीरज दइया
}}
Category:मूल राजस्थानी भाषा
{{KKCatKavita}}<poem>म्हैं कैवू - दिन
थूं रात नै दिन मानै
म्हैं कैवू - रात
थूं दिन नै रात मानै
म्हारै अर थारै बिचाळै प्रेम है
प्रेम ई कर सकै-
साच साम्हीं हरेक नै आंधो।</poem>
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|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=पाछो कुण आसी / नीरज दइया
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Category:मूल राजस्थानी भाषा
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थूं रात नै दिन मानै
म्हैं कैवू - रात
थूं दिन नै रात मानै
म्हारै अर थारै बिचाळै प्रेम है
प्रेम ई कर सकै-
साच साम्हीं हरेक नै आंधो।</poem>