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Kavita Kosh से
दूसरों की ग़ुलामी करने के लिए आज़ाद हो तुम
तुम्हारी मेहनत - मशक्कत उनके काम आएगी
वो अमीरों को और ज़्यादा अमीर बनाएगी।
तुम्हारे पैदा होते ही तुम्हारे चारों ओर
वे लगा देते हैं ऐसी चक्कियाँ
जो झूठ पीसती हैं
और जीवनभर
चलती रहती हैं तुम्हारे चारों ओर
इस महान आज़ादी में फँसे
तुम लोग सोचते रहते हो माथे पर धर हाथ
कि तुम आज़ाद हो अपनी अन्तर्रात्मा को
आज़ाद बनाए रखने के लिए ।
तुम्हारा सिर झुका रहता है
मानो कटा रहता है तुम्हारी गुद्दी तक
तुम्हारी लम्बी बाहें तुम्हारे धड़ के दोनों ओर
लटकी रहती हैं
और तुम आज़ाद घूमते रहते हो
अपनी आज़ादी में डूबे
बेरोज़गार बने रहने के लिए आज़ाद ।
अपने देश से प्यार करते हो
जैसे तुम्हारे लिए सबसे क़ीमती चीज़ है देशभक्ति
लेकिन एक दिन वे तुम्हारे देश को
अमेरिका को सौंप देते हैं
और तुम अपनी महाआज़ादी के साथ
अमेरिका का एयर-बेस बनने के लिए हो आज़ाद ।
तुम यह ढिंढोरा पीट सकते हो
कि तुम्हें किसी के हाथ का औजार नहीं बनना है
किसी संख्या में या किसी कड़ी में नहीं बदलना है
जीना है एक इनसान के तौर पर
पर अचानक वे तुम्हें हथकड़ियाँ पहना देते हैं
तुम आज़ाद हो, आज़ाद रहोगे
गिरफ़्तार होने के लिए, क़ैद होने के लिए
और फाँसी पर चढ़ने के लिए पूरी तरह आज़ाद
Nâzım Hikmet
A Sad State Of Freedom