भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिंसक परम्पराएँ / नेहा नरुका

1 byte removed, गुरूवार को 23:11 बजे
माँ : “रोटी के लिए अबेर करवा दी जा मोड़ी ने !”
दादी : “मोड़ों छाती से चिपकाय के रखी जातीं है ?”
बुआ : “गोदी में लिवाय-लिवाय कें डुलनी बनाय दई है मोड़ी ।”मोड़ी।”
इत्यादि हिंसक वाक्य जब मुँह से निकलकर हवा में घुलते होंगे
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,973
edits