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भागते भूत की लंगोटी भली
सोचकर 'हाँ' कर दी
हमारीडाक्टरी जांच की गईकूदने फांदने कीसात दिन बाद'शो' मे लाया गयाउचक-उचक करदिखा रहे थे कलाबाजियाँदर्शक-गण बुद्धू बनेबजा रहे थे तालियाँतभी अक्स्मात छूट गया हाथजा गिरेकटघरे में शेर केगिरते ही चिल्लाए-"बचाओ-बचाओ।"तभी शेर बोला-"शोर मत मचाओपेट का सवाल हैहमारे उपर भीशेर की खाल हैहम भी है तुम्हारी तरह सिखाए हुएएम्पलायमेंट एक्सचेंज के लागाए हुए।"