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सूरत-शक्ल से
बिल्कुल इंग्लैंड हैं
एक दिन बोलोबोले-
"यार तीन लड़के हैं
एक से एक बढ़ के हैं
एक नेता हैंहै
हर पाँचवें साल
दस-बीस हज़ार की चोट देता है
पिछले दस साल से
चुनाव लड़ रहा है
नहीं बन पाया सड़ा -सा एम.एल.ए.
बोलो तो कहता है-
"अनुभव बढ़ रहा है।"
दवा के साथ बह गए
मगर हमारी काकी
बड़े -बूढ़ों के नाम पर
वही थी बाकी
चल फिर लेती थी
कम से कम
घर का काम तो कल कर लेती थीजैसे -तैसे जी रही थी
कम से कम
पानी तो पी रही थी
लगते ही हाथ
हो गया सन्निपात
बिना जल की मछली -सी
फडफडाती रही
दो ही दिनों में सिकुड़कर
पाला हमने
और वसीयत दूसरे के नाम कर गई।"
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