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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलज़ार }} [[category: गीत]] <poem> रिश्ते बस रिश्ते होते है...
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{{KKRachna
|रचनाकार=गुलज़ार
}}
[[category: गीत]]
<poem>
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
कुछ इक पल के
कुछ दो पल के
कुछ परों से हल्के होते हैं
बरसों के तले चलते-चलते
भारी-भरकम हो जाते हैं
कुछ भारी-भरकम बर्फ़ के-से
बरसों के तले गलते-गलते
हलके-फुलके हो जाते हैं
नाम होते हैं रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते हैं
रिश्ता वह अगर मर जाये भी
बस नाम से जीना होता है
बस नाम से जीना होता है
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
</poem>
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|रचनाकार=गुलज़ार
}}
[[category: गीत]]
<poem>
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
कुछ इक पल के
कुछ दो पल के
कुछ परों से हल्के होते हैं
बरसों के तले चलते-चलते
भारी-भरकम हो जाते हैं
कुछ भारी-भरकम बर्फ़ के-से
बरसों के तले गलते-गलते
हलके-फुलके हो जाते हैं
नाम होते हैं रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते हैं
रिश्ता वह अगर मर जाये भी
बस नाम से जीना होता है
बस नाम से जीना होता है
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
</poem>