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Kavita Kosh से
* [[ जो होता है भले के लिए होता है/ विनय प्रजापति 'नज़र']]
* [[ गर है तो क्यों तेरी बातों में बनावट है/ विनय प्रजापति 'नज़र']]
* [[ न रखो वह तस्वीरें हरी जिनसे दिल दुखता हो/ विनय प्रजापति 'नज़र']]
* [[ साँसों में दर्द भरा है/ विनय प्रजापति 'नज़र']]
* [[ मन ही मन मुस्कुरा रही है जाड़े की धूप/ विनय प्रजापति 'नज़र']]