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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसी रमण |संग्रह= ढलान पर आदमी / तुलसी रमण }} <poem> आ...
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{{KKRachna
|रचनाकार=तुलसी रमण
|संग्रह= ढलान पर आदमी / तुलसी रमण
}}
<poem>
आइए
भूत भगाने का दावा करते
सरसों के इन अभिमंत्रित
दानों के भीतर झाँक कर देखें
हरेक दाने में
उभर आएगा भूत
विकराल
भयंकर
विनाशकारी
सरसों के भूरे दाने में
समा जाते हैं
लाल, सफेद और काले
सभी रंगों के भूत
सरसों सफेद हो या भूरी
इसका फूलना
होता पीला
और गुण
चिकनापन
सरसों के दाने–दाने
में उग रहे हैं भूत
फूली सरसों का
हरेक खेत
दरिया है भूतों का
ऐसे सारे दरिया
जा मिलते हैं एक सागर में
{{KKRachna
|रचनाकार=तुलसी रमण
|संग्रह= ढलान पर आदमी / तुलसी रमण
}}
<poem>
आइए
भूत भगाने का दावा करते
सरसों के इन अभिमंत्रित
दानों के भीतर झाँक कर देखें
हरेक दाने में
उभर आएगा भूत
विकराल
भयंकर
विनाशकारी
सरसों के भूरे दाने में
समा जाते हैं
लाल, सफेद और काले
सभी रंगों के भूत
सरसों सफेद हो या भूरी
इसका फूलना
होता पीला
और गुण
चिकनापन
सरसों के दाने–दाने
में उग रहे हैं भूत
फूली सरसों का
हरेक खेत
दरिया है भूतों का
ऐसे सारे दरिया
जा मिलते हैं एक सागर में