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नूरा / मजाज़ लखनवी

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हवाओं से लड़ती है लड़ जाएगी वो
मैं देखूँगा उसके बिफरने का आलम
जवानी जवानी का ग़ुस्सा बिखरने का आलम
इधर दिल में इक शोरे-महशर बपा था