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बरसों के बाद कभी<br>
हमतुम हम तुम यदि मिलें कहीं,<br>
देखें कुछ परिचित से,<br>
लेकिन पहिचानें ना।<br><br>
याद भी न आये नाम,<br>
रूप, रंग, काम, धाम,<br>
सोचें,यह सम्मभव सम्भव है -<br>
पर, मन में मानें ना।<br><br>