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पीठ पर नाक़ाबिले बरदाश्त इक बारे गिराँ
हड्डियों में तेज़ चलने से चटख़ने की सदा
भूल कर भी इसके होंठों तक हसीं आती नहीं.
मज़रूह: घायल ; मुज़महिल : थका हुआ ; बामाँदगी: दुर्बलता
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