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'''ग़ज़ल
* [[ अब ‘विनय’ तेरे ग़म से ग़ाफ़िल नहीं रहा/ विनय प्रजापति]]
* [[ अभी बाक़ी कुछ अपने ख़्याल रहने दो/ विनय प्रजापति 'नज़र']]
* [[ कितने ही ज़ख़्म चाक हुए तेरे जाने के बाद/ विनय प्रजापति 'नज़र']]