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हवा / केशव

No change in size, 16:47, 24 जनवरी 2009
हवा
यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था दुनिया को तख़्ती की तरह रखकर सामने
कुछ लिखा जाए
वक्त की नोक से